Mukhymantri Kisan Samman Nidhi Yojana :भारतीय कृषि व्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में 30 जून 2024 को राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का विधिवत शुभारंभ किया गया। यह योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के समान ही संचालित होती है, जिससे राज्य के कृषकों को दोहरा लाभ मिल सके।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के लघु एवं सीमांत कृषकों को वित्तीय मजबूती प्रदान करना है। कृषि कार्यों में आने वाली विभिन्न समस्याओं को देखते हुए यह योजना किसानों को खाद, बीज और अन्य कृषि सामग्री खरीदने में आर्थिक सहयोग देती है। राजस्थान के लगभग 65 लाख से अधिक कृषक परिवारों को इस योजना का सीधा लाभ मिल रहा है।
योजना के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि
मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत राज्य सरकार प्रत्येक पात्र किसान को प्रतिवर्ष 2,000 रुपये की अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह धनराशि तीन किस्तों में सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) माध्यम से भेजी जाती है।
योजना की किस्तें इस प्रकार वितरित की जाती हैं – प्रथम किस्त में 1,000 रुपये, दूसरी किस्त में 500 रुपये और तृतीय किस्त में 500 रुपये। पहली किस्त का वितरण पहले ही सफलतापूर्वक किया जा चुका है, जिसमें राज्य के 65 लाख से अधिक किसानों के खातों में लगभग 650 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गई।
विशेष बात यह है कि राजस्थान के किसान केंद्र की पीएम किसान योजना के साथ-साथ इस राज्य योजना का भी लाभ उठा सकते हैं। इस प्रकार प्रदेश के कृषकों को प्रतिवर्ष कुल 8,000 रुपये प्राप्त होंगे – जिसमें केंद्र सरकार से 6,000 रुपये और राज्य सरकार से 2,000 रुपये शामिल हैं।
योजना हेतु पात्रता मानदंड
इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ निर्धारित मानदंड पूरे करने आवश्यक हैं। सर्वप्रथम, आवेदक राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। योजना विशेष रूप से लघु एवं सीमांत श्रेणी के कृषकों के लिए बनाई गई है, इसलिए केवल इसी वर्ग के किसान इसके पात्र होंगे।
महत्वपूर्ण शर्त यह है कि आवेदक पहले से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभार्थी होना चाहिए। जिन किसानों को केंद्र की पीएम किसान योजना का लाभ मिल रहा है, वे स्वतः ही इस राज्य योजना के लिए भी योग्य माने जाएंगे। आवेदक किसान के पास स्वयं का कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए और उसका बैंक खाता आधार कार्ड से जुड़ा होना आवश्यक है।
आवश्यक दस्तावेज
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। आवेदक के पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, और जमीन के स्वामित्व से संबंधित कागजात होने चाहिए। बैंक खाता पासबुक जिसमें खाता संख्या और IFSC कोड स्पष्ट रूप से अंकित हो, वह भी आवश्यक है। इसके अतिरिक्त पहचान पत्र और एक नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो की भी जरूरत पड़ती है।
योजना में आवेदन की प्रक्रिया
चूंकि यह योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी हुई है, इसलिए अलग से आवेदन की आवश्यकता नहीं होती। जो किसान पहले से पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं, उन्हें स्वचालित रूप से इस राज्य योजना का लाभ मिलने लगता है। राज्य सरकार केंद्र सरकार के डेटाबेस का उपयोग करते हुए पात्र किसानों की पहचान करती है और उनके खातों में सीधे धनराशि हस्तांतरित करती है।
यदि कोई किसान अभी तक पीएम किसान योजना से नहीं जुड़ा है, तो उसे पहले उस योजना में पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए आधिकारिक पोर्टल pmkisan.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है या नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
लाभार्थी सूची में नाम कैसे जांचें
किसान अपना नाम लाभार्थी सूची में देखने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट के होम पेज पर लाभार्थी सूची का विकल्प मिलेगा, जिस पर क्लिक करने के बाद अपना जिला, तहसील और गांव का चयन करना होगा। इसके पश्चात सूची में अपना नाम खोजा जा सकता है।
इसके अलावा, जब भी खाते में धनराशि हस्तांतरित होती है, तो पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक सूचना संदेश भी आता है। किसान अपनी बैंक पासबुक में प्रविष्टि करवाकर या बैंक स्टेटमेंट निकलवाकर भी पता कर सकते हैं कि उनके खाते में योजना की किस्त आई है या नहीं।
योजना का प्रभाव और उपलब्धियां
योजना के प्रथम चरण में ही राज्य सरकार ने 70.21 लाख किसानों के बैंक खातों में 1,355 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की है। यह उपलब्धि योजना के सफल क्रियान्वयन को दर्शाती है। राज्य सरकार ने योजना के प्रभावी संचालन के लिए सहकारिता विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है।
हाल ही में राज्य के बजट में यह घोषणा की गई है कि मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया जाएगा। इससे किसानों को और अधिक आर्थिक संबल मिलेगा।
योजना के अतिरिक्त लाभ
मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के साथ-साथ राज्य सरकार ने कई अन्य किसान हितैषी कदम भी उठाए हैं। गेहूं खरीद पर बोनस की राशि बढ़ाकर 150 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। लगभग 35 लाख किसानों को 25,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से 51 महिला संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों को 3-3 लाख रुपये की धनराशि भी वितरित की है। राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ढाई लाख अतिरिक्त पशुपालक परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना राजस्थान सरकार की एक सराहनीय पहल है जो किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के साथ मिलकर यह योजना किसानों को प्रतिवर्ष 8,000 रुपये की सहायता प्रदान कर रही है, जो निकट भविष्य में बढ़कर 9,000 रुपये हो जाएगी।
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Official Website | https://rajsahakar.rajasthan.gov.in |
यह योजना न केवल किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ पहुंचाती है, बल्कि उन्हें समय पर खाद, बीज और अन्य कृषि आवश्यकताओं की पूर्ति में भी सहायक है। डीबीटी माध्यम से पारदर्शी तरीके से धनराशि का हस्तांतरण इस योजना की विश्वसनीयता को और बढ़ाता है। राज्य के हर पात्र किसान को इस योजना का लाभ अवश्य लेना चाहिए और कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देना चाहिए।