Free Computer Course 2025 सरकार एवं विभिन्न प्रांतीय सरकारें संयुक्त प्रयास से युवा पीढ़ी को डिजिटल तकनीक से जोड़ने के लिए निरंतर कार्यरत हैं। इसी क्रम में सरकार द्वारा “निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम 2025” की शुरुआत की गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य उन नौजवानों और छात्रों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करना है जो धन की कमी के चलते तकनीकी शिक्षा हासिल करने में असमर्थ रहे हैं। सरकार का लक्ष्य प्रत्येक युवा को डिजिटल भारत अभियान का सशक्त भागीदार बनाना तथा उन्हें आधुनिक तकनीकी ज्ञान के माध्यम से स्वरोजगार एवं नौकरी के नवीन अवसर उपलब्ध कराना है।
इस अनूठी पहल की सबसे खास विशेषता यह है कि इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागियों को केवल मुफ्त प्रशिक्षण ही नहीं मिलेगा, बल्कि प्रशिक्षण पूर्ण होने पर उन्हें ₹15,000 की वित्तीय सहायता राशि भी सीधे बैंक खाते में प्राप्त होगी। वर्तमान में यह योजना उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब तथा असम राज्यों में लागू की जा चुकी है और आने वाले समय में इसे समस्त भारत में विस्तारित करने की योजना है।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
इस कार्यक्रम का केंद्रीय उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर तथा डिजिटल क्षमता से संपन्न बनाना है। वर्तमान दौर में प्रत्येक सरकारी कार्यालय, निजी संस्थान एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कंप्यूटर का ज्ञान अनिवार्यता बन गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को रोजगारपरक योग्यता प्रदान करने के साथ-साथ उनके भीतर आत्मविश्वास भी जगाएगा।
सरकार का स्पष्ट मानना है कि जब देश का युवा वर्ग तकनीकी कौशल से सुसज्जित होगा तो वे न सिर्फ उत्तम नौकरियों में नियुक्त होंगे बल्कि अपने खुद के व्यवसाय स्थापित करने में भी सक्षम होंगे। प्रशिक्षण के अंतर्गत चयनित युवाओं को डिजिटल लेनदेन, ऑनलाइन आंकड़ा प्रविष्टि, बैंकिंग संबंधी कार्य, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का संचालन और सरकारी सेवाओं से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तार से दी जाएगी।
यह कदम प्रधानमंत्री द्वारा घोषित “डिजिटल इंडिया” तथा “स्किल इंडिया मिशन” के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले उन युवाओं को यह योजना प्रगति का सुअवसर प्रदान करेगी जो महंगे प्रशिक्षण शुल्क के कारण पीछे रह गए थे।
पात्रता एवं योग्यता मानदंड
इस कल्याणकारी कार्यक्रम का लाभ केवल भारत के मूल नागरिकों को ही मिलेगा जिन्होंने कम से कम बारहवीं कक्षा की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की हो। आवेदन करने वाले प्रत्याशियों की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होना आवश्यक है ताकि युवा पीढ़ी सीधे इस योजना से लाभान्वित हो सके। इसके अतिरिक्त, आवेदक के परिवार की समस्त स्रोतों से वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम होनी चाहिए।
यदि किसी प्रत्याशी के परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय सेवा में कार्यरत है तो उस स्थिति में वह इस योजना हेतु अयोग्य माना जाएगा। साथ ही, जिन अभ्यर्थियों ने पहले से किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कंप्यूटर का प्रशिक्षण ले रखा है, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
सरकार का एकमात्र उद्देश्य केवल उन्हीं नौजवानों की सहायता करना है जो वास्तविक आर्थिक कठिनाइयों के कारण डिजिटल शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। चयनित प्रतिभागियों को प्रशिक्षण काल में ₹15,000 की धनराशि प्रत्यक्ष उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी, जिससे वे बिना किसी वित्तीय चिंता के अपना पाठ्यक्रम पूर्ण कर सकें।
प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम एवं संरचना
यह कार्यक्रम युवाओं को बुनियादी स्तर से लेकर उन्नत स्तर तक की कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराएगा। पाठ्यक्रम की समयावधि प्रायः 3 से 6 माह निर्धारित की गई है, जिसमें सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों प्रकार का ज्ञान प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को कंप्यूटर के बुनियादी सिद्धांतों, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस अनुप्रयोगों का उपयोग, इंटरनेट का संचालन, ईमेल प्रबंधन, साइबर सुरक्षा के नियम, डेटा संरक्षण तथा डिजिटल भुगतान जैसे महत्वपूर्ण विषयों की संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। उन्हें सरकारी पोर्टलों पर कार्य करना, दस्तावेज़ अपलोड करना, ऑनलाइन आवेदन भरना और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं का उपयोग करना भी सिखाया जाएगा।
इसके अलावा हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कुशल टाइपिंग का विशेष अभ्यास कराया जाएगा ताकि प्रशिक्षार्थी हर तरह के कार्यालयीन कार्य में दक्ष बन सकें। पाठ्यक्रम की समाप्ति पर एक सरकारी प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा जो सरकारी एवं निजी दोनों क्षेत्रों में मान्य होगा। यह प्रमाणपत्र युवाओं को बैंकिंग, बीमा कंपनियों, डेटा एंट्री, दूरसंचार और आईटी सहायता जैसे क्षेत्रों में रोजगार दिलाने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगा।
अनेक युवाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया है कि इस प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें न केवल तकनीकी दक्षता प्राप्त हुई बल्कि ₹10,000 से ₹15,000 मासिक वेतन की नौकरियां भी सुलभ हो गईं। इस प्रकार यह योजना युवाओं के लिए मात्र शिक्षा का माध्यम नहीं, अपितु रोजगार का द्वार भी खोलती है।
आवेदन की प्रक्रिया
निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम 2025 में आवेदन करने की संपूर्ण विधि ऑनलाइन रखी गई है। इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने राज्य के कौशल विकास मिशन अथवा श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
वेबसाइट पर “मुफ्त कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना 2025” के विकल्प पर क्लिक करने के पश्चात अभ्यर्थियों को एक पंजीकरण प्रपत्र भरना होगा जिसमें पूरा नाम, जन्म तिथि, स्थायी पता, शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य आवश्यक सूचनाएं मांगी जाएंगी। इसके साथ कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे जैसे कि आधार कार्ड, बारहवीं की अंकतालिका, पासपोर्ट आकार की फोटो तथा बैंक पासबुक की प्रतिलिपि।
समस्त जानकारी सही ढंग से भरने के बाद आवेदन सबमिट करते ही उम्मीदवार को एक पंजीकरण क्रमांक प्राप्त होगा जो आगामी प्रक्रिया के लिए उपयोगी होगा। कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया जन सेवा केंद्र के माध्यम से भी उपलब्ध है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के युवा भी सुगमता से पंजीकरण करा सकें।
सरकार की योजना है कि भविष्य में इस पोर्टल को केंद्रीकृत स्वरूप दिया जाए ताकि संपूर्ण देश के युवा एक ही मंच से आवेदन कर सकें और अपनी प्रशिक्षण की प्रगति को ऑनलाइन देख सकें।
डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में नया युग
भारत के तीव्र गति से डिजिटल होते परिवेश में यह योजना युवाओं को नई पहचान प्रदान करने वाली साबित हो रही है। पहले जहां डिजिटल शिक्षा केवल महानगरों अथवा निजी संस्थाओं तक सीमित थी, अब सरकार इसे प्रत्येक गांव और कस्बे तक पहुंचाने के लिए दृढ़संकल्पित है। इससे उन युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा जो अब तक केवल परंपरागत शिक्षा पद्धति पर निर्भर थे।
निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम 2025 के माध्यम से सरकार का स्पष्ट संदेश है कि डिजिटल ज्ञान अब विलासिता नहीं बल्कि अनिवार्यता है। यह पहल न केवल शिक्षा तथा रोजगार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी बल्कि भारत को वैश्विक डिजिटल शक्ति बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
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योजना की पारदर्शिता तथा प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता का प्रावधान इसे युवाओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय बना रहा है। प्रशिक्षण की समाप्ति के उपरांत प्राप्त होने वाला सरकारी प्रमाणपत्र युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ाता है और उन्हें निजी कंपनियों एवं सरकारी परियोजनाओं में सुगमता से अवसर दिलाता है। यह योजना भारत के प्रत्येक युवा के लिए डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक स्वर्णिम अवसर है जिसका भरपूर लाभ उठाया जाना चाहिए।
