GOVT Employees DA Hike : केंद्रीय सरकार द्वारा देश भर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महंगाई भत्ते में वृद्धि को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह फैसला पूरे देश में कार्यरत लाखों सरकारी सेवकों तथा सेवानिवृत्त लोगों के लिए राहत का संदेश लेकर आया है। वर्तमान परिस्थितियों में जब महंगाई तेजी से बढ़ रही है, तब यह निर्णय कर्मचारियों की क्रय क्षमता को संरक्षित रखने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
चालू वित्तीय वर्ष में यह दूसरी बार है जब महंगाई भत्ते में संशोधन किया गया है। इस बार तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, जबकि मार्च महीने में दो प्रतिशत का इजाफा किया गया था। संशोधित दरें पहली जुलाई से लागू मानी जाएंगी और कर्मचारियों को पिछले तीन माह का बकाया भी प्रदान किया जाएगा।
महंगाई भत्ते की संशोधित दरें
वर्तमान में महंगाई भत्ता मूल वेतन के पचपन प्रतिशत की दर से मिल रहा था, जिसे अब अट्ठावन प्रतिशत कर दिया गया है। यह दर सातवें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित सूत्र के आधार पर तय की जाती है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर प्रतिवर्ष लगभग दस हजार तिरासी करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय आएगा।
देशभर में उनचास लाख उन्नीस हजार केंद्रीय कर्मचारी तथा अड़सठ लाख बहत्तर हजार पेंशनधारक इस वृद्धि से लाभान्वित होंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के पश्चात इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी दी।
वेतन में होने वाली बढ़ोतरी का विवरण
महंगाई भत्ते में यह संशोधन सीधे तौर पर कर्मचारियों की मासिक आमदनी को प्रभावित करेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन तीस हजार रुपये है, तो पूर्व में पचपन प्रतिशत की दर से उन्हें सोलह हजार पांच सौ रुपये महंगाई भत्ता प्राप्त होता था। अब अट्ठावन प्रतिशत की दर से यह राशि बढ़कर सत्रह हजार चार सौ रुपये हो जाएगी, अर्थात प्रतिमाह नौ सौ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
इसी तरह यदि मूल वेतन पचास हजार रुपये है, तो महंगाई भत्ता सत्ताईस हजार पांच सौ रुपये से बढ़कर उनतीस हजार रुपये हो जाएगा। यह हर माह पंद्रह सौ रुपये की अतिरिक्त कमाई प्रदान करेगा। पेंशनधारकों को भी उनकी मूल पेंशन पर समान दर से महंगाई राहत का लाभ मिलेगा।
बकाया राशि का भुगतान
जुलाई से प्रभावी होने वाली यह वृद्धि अगस्त के वेतन में परिलक्षित होगी। साथ ही जुलाई, अगस्त और सितंबर के तीन महीनों का संचित बकाया भी एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। यदि किसी कारणवश अगस्त के वेतन में यह अद्यतन नहीं हो पाता, तो अगले माह के वेतन में समायोजित कर दिया जाएगा। किसी भी कर्मचारी को वित्तीय हानि नहीं होगी।
वेतन प्रक्रिया में विलंब होने की स्थिति में विभाग स्वयं बकाया राशि की गणना करके अगली किस्त में जोड़ देगा। कर्मचारियों को पृथक से किसी आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी।
महंगाई भत्ते का महत्व
महंगाई भत्ता सरकारी वेतन संरचना का अनिवार्य घटक है जो मूल्य वृद्धि के प्रभाव को संतुलित करने हेतु प्रदान किया जाता है। जब दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे अनाज, सब्जियां, दूध तथा पेट्रोल के मूल्य बढ़ते हैं, तो इसका प्रत्यक्ष प्रभाव घरेलू बजट पर पड़ता है।
श्रम मंत्रालय के अधीन कार्यरत श्रम ब्यूरो द्वारा प्रतिमाह जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर महंगाई भत्ते में संशोधन किया जाता है। यह सूचकांक श्रमिक वर्ग के परिवारों के जीवनयापन व्यय में होने वाले परिवर्तनों को प्रदर्शित करता है। प्रत्येक छह महीने में इसकी समीक्षा की जाती है ताकि कर्मचारियों को महंगाई के दबाव से राहत मिल सके। यह प्रणाली केवल केंद्रीय कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, अपितु रक्षा कर्मियों, कुछ सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों तथा पेंशनधारकों को भी इसका लाभ मिलता है।
केंद्र सरकार का यह निर्णय करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए समयानुकूल राहत है। बढ़ती महंगाई के दौर में यह कदम उनकी आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा। त्योहारी मौसम से पूर्व यह घोषणा कर्मचारियों के उत्साह को बढ़ाने वाली है। सरकारी कर्मचारी राष्ट्र की रीढ़ हैं और महंगाई भत्ते जैसे उपाय उनके कल्याण और निरंतर प्रेरणा में योगदान देते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: महंगाई भत्ते में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है?
उत्तर: इस बार महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पहले यह मूल वेतन का पचपन प्रतिशत था, जो अब बढ़कर अट्ठावन प्रतिशत हो गया है। यह संशोधन सातवें वेतन आयोग के सूत्र के आधार पर किया गया है।
प्रश्न 2: यह वृद्धि कब से लागू होगी और बकाया राशि कब मिलेगी?
उत्तर: संशोधित महंगाई भत्ता पहली जुलाई 2025 से प्रभावी माना जाएगा। यह वृद्धि अगस्त के वेतन में दिखाई देगी और साथ ही जुलाई, अगस्त तथा सितंबर के तीन महीनों का बकाया भी एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। यदि किसी कारण से अगस्त में नहीं मिलता तो अगले माह समायोजित कर दिया जाएगा।
प्रश्न 3: इस वृद्धि से कितने कर्मचारी और पेंशनधारक लाभान्वित होंगे?
उत्तर: इस महंगाई भत्ता वृद्धि से देशभर में कुल मिलाकर लगभग एक करोड़ अठारह लाख लोग लाभान्वित होंगे। इनमें उनचास लाख उन्नीस हजार केंद्रीय कर्मचारी और अड़सठ लाख बहत्तर हजार पेंशनधारक शामिल हैं। सभी को उनके मूल वेतन या पेंशन पर समान दर से लाभ मिलेगा।
प्रश्न 4: महंगाई भत्ता कैसे निर्धारित किया जाता है?
उत्तर: महंगाई भत्ता श्रम मंत्रालय के अधीन कार्यरत श्रम ब्यूरो द्वारा प्रकाशित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर निर्धारित किया जाता है। यह सूचकांक श्रमिक परिवारों के जीवनयापन व्यय में होने वाले परिवर्तनों को मापता है। प्रत्येक छह महीने में इसकी समीक्षा की जाती है और आवश्यकतानुसार संशोधन किया जाता है ताकि कर्मचारियों को महंगाई से राहत मिल सके।